जयपुर। एक बार फिर कोरोना की चपेट में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आ गए हैं। इसके साथ ही, उन्हें स्वाइन फ्लू भी हुआ है। बता दें कि इसकी जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल “X ” पर पोस्ट करते हुए दिए है। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि पिछले कुछ दिनों से बुखार होने […]
जयपुर। एक बार फिर कोरोना की चपेट में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आ गए हैं। इसके साथ ही, उन्हें स्वाइन फ्लू भी हुआ है। बता दें कि इसकी जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल “X ” पर पोस्ट करते हुए दिए है। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि पिछले कुछ दिनों से बुखार होने के कारण डॉक्टर्स की सलाह पर जांच करवाई जिसमें COVID और स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इस वजह से अगले सात दिनों तक किसी से मुलाकात नहीं कर सकूंगा। इस बदलते मौसम में आप सब भी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। ऐसे में अपने सभी कार्यक्रम गहलोत ने रद्द कर दिए हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, इस वक्त देशभर में मौसम बदल रहा है. भीषण शीतलहर के साथ-साथ दिन का मौसम सामान्य भी रह रहा है. इसलिए ऐसा मौसम सेहत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है. क्योंकि केस भले ही कोरोना के कम हो गए हो, लेकिन इसका प्रभाव अभी भी कम नहीं हुआ है. देश में एक बार फिर सर्दियों के अंत में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं. स्वास्थ्य संगठनों का कहना है कि मौसम ठंडा होने के वजह से कोरोना वायरस और दूसरे संक्रमण बढ़ जाते हैं. साल 2020 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, कोरोना लंबे समय तक ठंड और शुष्क परिस्थितियों में जिंदा रह सकता है. कोरोना के मामलों में 70 प्रतिशत तक का इजाफा यूएस स्टेट वर्मोंट में देखने को मिला है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि शीतकालीन फ्लू दिसंबर और जनवरी में काफी तेजी से बढ़ते हैं. 2022 में अक्टूबर में ही फ्लू का संक्रमण देखने को मिला था. 2023 के नवंबर में ही इसका केस आना शुरू हो गया था. फ्लू से पीड़ित कई लोगों में इसके लक्षण इतने कम होते हैं कि उनकी जांच भी नहीं की जा सकती है. इसलिए मरीजों की संख्या और भी अधिक बढ़ जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोरोना और फ्लू दोनों से बचाव करने की जरूरत है. लोगों को मास्क पहनने के साथ कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करना चाहिए.