जयपुर। सोमवार सुबह अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत ने मीडिया से बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के समय पूर्वी राजस्थान में सिंचाई के निमित्त पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदियों को जोड़ने की योजना बनाई गई थी, लेकिन इस परियोजना को मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों के बीच सहमति […]
जयपुर। सोमवार सुबह अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत ने मीडिया से बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के समय पूर्वी राजस्थान में सिंचाई के निमित्त पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदियों को जोड़ने की योजना बनाई गई थी, लेकिन इस परियोजना को मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों के बीच सहमति नहीं बनने के कारण रोक दिया गया। बाद में राजस्थान के पूर्वी हिस्से के 13 जिलों में वसुंधरा राजे की सरकार के समय पेयजल और सिंचाई को लेकर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) की योजना लाई गई, लेकिन मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच बात न बन पाने के वजह से यह पूरा नहीं हो पाया था।
इसके साथ ही वे पूर्व CM अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि अशोक गहलोत सरकार की हठधर्मिता के कारण वो भी सिरे नहीं चढ़ पाई। शेखावत ने कहा कि राजनीतिक गोटी की तरह अशोक गहलोत इसका इस्तेमाल कर रहे थे। इसको लेकर राजनीतिक लाभ के लिए वे लगातार टिप्पणियां करते हुए दीखते थे। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि मैंने PM मोदी से इसके लिए निवेदन किया था तो इस पर उन्होंने कहा कि कहीं भी रुकने से समाधान नहीं होता, इससे आगे सोचने की जरुरत है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दोनों राज्यों के लाभ लिए मध्य प्रदेश व राजस्थान के इंजीनियर्स को साथ बैठाकर पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना और ERCP को इंटीग्रेटेड कर एक नदी जोड़ने की परियोजना पर चर्चा करेंगे। इस कड़ी में उन्होंने कहा कि जैसा मैंने विधानसभा चुनाव से पहले भी कहा था कि जो इंटरलिंकेज ऑफ रिवर के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है। उस कमेटी द्वारा इसको अप्रूवल मिल चुका था और इंटरलिकेंज ऑफ रिवर्स के जरिए मान्यता प्रदान की गई थी। शेखावत ने कहा कि हमने अधिकारियों के स्तर पर उस समय भी चर्चा की थी, लेकिन राजनीतिक रूप से अशोक गहलोत सरकार इसको करने के लिए तैयार नहीं थी, उन्होंने कहा कि अधिकारियों के स्तर पर सहमति बन जाने के बाद भी यह चालू नहीं हो पाया ।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दोनों राज्यों की सरकार बदल चुकी है। ऐसे में मैंने चुनाव के दौरान भी कहा था कि अशोक गहलोत प्यासे कंठों पर राजनीति कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि जिस तरह से सूखी धरती और किसान की अपेक्षाओं के ऊपर राजनीति करने, अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए चारे और गोटी के रूप इस्तेमाल कर पाप कर रहे हैं। इस पाप का दंश उनको अवश्य भोगना पड़ेगा।
शेखावत ने कहा कि प्रदेश की जनता ने उनको पाप की सजा दी है। इसके साथ उन्होंने कहा जैसा मैंने कहा था कि आने वाले समय में हम पहली कैबिनेट के साथ में इस मुद्दे को पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव रविवार को दोनों की मीटिंग हुई, जिसमें अधिकारियों के साथ बैठकर इस परियोजना के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। 13 जिलों के लिए यह निश्चित रूप से एक जीवनदायनी गंगा के रूप में तो होगी, इसके साथ-साथ वहां के आर्थिक परिदृश्य को बदलने में अहम भूमिका का निर्वाहन करेगी।