जयपुर। बदलते मौसम के कारण लगातार देश-प्रदेश में कई तरह के संक्रमण बढ़ता जा रहा है. पिछले कई महीनों से राज्य में लगातार डेंगू से लेकर चिकनगुनिया का मरीज बढ़ते जा रहा है. ऐसे में राजस्थान से एक चौंका देने वाली ख़बर सामने आ रही है, बताया जा रहा है कि राज्य में पिछले साल […]
जयपुर। बदलते मौसम के कारण लगातार देश-प्रदेश में कई तरह के संक्रमण बढ़ता जा रहा है. पिछले कई महीनों से राज्य में लगातार डेंगू से लेकर चिकनगुनिया का मरीज बढ़ते जा रहा है. ऐसे में राजस्थान से एक चौंका देने वाली ख़बर सामने आ रही है, बताया जा रहा है कि राज्य में पिछले साल एक नया संक्रमण का आगमन हुआ था, जिसे स्क्रब टाइफस का नाम दिया गया. इस संक्रमण से प्रदेश में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती दिख रही है. राज्य के हेल्थ डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के मुताबिक इस संक्रमण के कारण ज्यादा मरीज सामने आ रहा है. वहीं आपको बता दें कि उदयपुर से सबसे ज्यादा केस मिला है और चित्तौगढ़ से 86 केस सामने आया है.
आपको बता दें कि स्क्रब टाइफस एक संक्रमण है. जो लोगों के बीच आसानी से फैलता है. इसके कई लक्षण है जैसे सिर में दर्द, माशपेशियों में दर्द, जुकाम, बुखार, आंखो में जलन, त्वचा पर धब्बा बनना और अधिक पसीना। वहीं डॉक्टरों का मानना है कि अगर समय पर इस संक्रमण से ग्रसित लोगों को उपचार नहीं मिल पाता है तो ऐसे में मरीजों को कई तरह की परेशानियों से जूझना पर सकता है जैसे मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिलने से हेपेटाइटिस, शरीर के अंदरूनी अंगों में खून का बहना, और शरीर में खून की कमी होना समेत अन्य परेशानी हो सकता है, जिससे मरीज की मृत्यु तक हो जाती है. हालांकि प्रदेश के अभी कई जिलों के हालात सामान्य है, वहीं चित्तौगढ़ से सबसे कम मरीज सामने आए है.
चित्तौड़गढ़ CMHO डॉ. रामकेश गुर्जर द्वारा जानकारी दी गई कि अगर किसी भी क्षेत्र से स्क्रब टाइफस प्रभावित मरीज सामने आता है तो उस क्षेत्र को अलर्ट और सावधानी बरतनी होगी और जल्द से जल्द अपने निकट उपचार केंद्र से इलाज शुरू करने की सलाह भी दिया गया.
ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया की वजह से यह संक्रमण फैलता है। यह संक्रमण इन्फेक्टेड चिगर्स के काटने से तुरंत फैलता है। आपको बता दें कि यह चिगर्स ज्यादातर जंगली क्षेत्र, घास-फूस, बारिश एवं एकत्रित पानी पर जल्दी से पनपती है.
प्रदेश के उदयपुर जिला से अधिक केस सामने आया है, वही चित्तौरगढ़ जिला में सबसे कम मरीज देखा गया है.