जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 27 अगस्त को राजस्थान का दौरा किया। जहां उन्होंने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के विद्यार्थियों से संवाद कर उन्हें प्रेरित किया। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जयपुर का किया दौरा आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए आर्थिक और स्वास्थ्य के क्षेत्र में […]
जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 27 अगस्त को राजस्थान का दौरा किया। जहां उन्होंने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के विद्यार्थियों से संवाद कर उन्हें प्रेरित किया।
आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए आर्थिक और स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने पर बल दिया। जयपुर के छात्रों से संवाद के दौरान पूछे गए एक प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ पैसे ज्यादा कमाने के लिए दीवाली के दिये या पतंग जैसी चीजें बाहर से मांगना उचित नहीं है। हमें हर हाल में देश को आगे रखना चाहिए। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री धनखड़ ने विश्वास व्यक्त किया कि एक बार आयुर्वेद और आयुष की पद्धति देश गति पकड़ेगी तो तेजी से बढ़ती चली जायेगी। आयुर्वेद के छात्रों का भविष्य उज्ज्वल है।
उन्होंने कहा कि हमारे जैसी 5 हजार वर्ष पुरानी सभ्यता और कहीं नहीं दिखती। हमारा अथर्ववेद स्वास्थ्य के लिए ज्ञान का भंडार है। कोरोना महामारी के दौरान आयुर्वेद के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आयुर्वेद किट बहुत काम आयी।
स्वास्थ के क्षेत्र में लैंगिक समानता की चर्चा करते हुए कहा कि आज दुनिया भर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेटियों का डंका बज रहा है। आयुष्मान भारत जैसे जन कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतना कुछ किया गया है उसकी कभी कल्पना नहीं की थी। उन्होंने कहा कि मैंनें कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतनी जल्दी इतना कुछ हो जाएगा।
चंद्रयान-3 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मैंनें कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतनी जल्दी इतना कुछ हो जाएगा। चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा की आने वाले समय में जब लोग पूछेंगे कि शिव-शक्ति और तिरंगा कहां है ? तो जवाब दिया जाएगा चांद पर है, पूछा जाएगा यह नाम कब पड़ा ? तो जवाब दिया जाएगा 23 अगस्त 2023 को।