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Rajasthan Weather : राजस्थान में आगामी दो दिनों तक इंद्र देव रहेंगे मेहरबान, मौसम विभाग ने किया अलर्ट

जयपुर। राजस्थान में एक बार मौसम फिर अपना मूड बदलने जा रहा है। प्रदेश से ऐसे तो पिछले महीने ही मानसून की विदाई हो गई है लेकिन मौसम विभाग ने एक सूचना जारी करते हुए कहा हैं कि आगामी दो दिनों तक लगभग जिलों में बारिश होने की अनुमान है। IMD ने बताया कि पश्चिमी […]

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Rajasthan Weather
  • October 16, 2023 4:08 am IST, Updated 1 year ago

जयपुर। राजस्थान में एक बार मौसम फिर अपना मूड बदलने जा रहा है। प्रदेश से ऐसे तो पिछले महीने ही मानसून की विदाई हो गई है लेकिन मौसम विभाग ने एक सूचना जारी करते हुए कहा हैं कि आगामी दो दिनों तक लगभग जिलों में बारिश होने की अनुमान है। IMD ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण कुछ जिलों में बारिश का दौर शुरू हो सकता है।

बूंदी में बारिश का दौर शुरू

प्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर शुरू है. जिलों में जैसें कोटा, बारां व झालावाड़ और बूंदी शामिल है जहां बारिश आधे घंटे से ऊपर तक हुई है। बारिश के कारण किसान को फायदा भी हुआ है इसके साथ वह रबी की फसलों की तैयारियों में लग गए है।

IMD जयपुर के अनुसार

IMD जयपुर के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ में बदलाव आने के कारण आगामी दो दिनों तक भारी बारिश होने की अनुमान है। बताया जा रहा है कि आज (सोमवार) को प्रदेश के कुछ जिलों में मेघ गर्जन के साथ हल्की बारिश की भी अनुमान है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया है कि आज कोटा, जोधपुर, बीकानेर, जयपुर समेत अजमेर संभाग के कुछ इलाकों में हल्की बारिश होगी। वहीं 17 अक्टूबर को भी राज्य के कुछ जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है।

मेघगर्जन के साथ बौछारें गिरी

बता दें कि मारवाड़ समेत कई जिलों में आज का मौसम बादल और बारिश से शुरू हो रहा है। वहीं जोधपुर सहित कई जिलों में तेज बारिश हो रही है। हालांकि इस बारिश के दौर में कई जगह मेघगर्जन के साथ बौछारें भी गिरी है। वहीं कई इलाकों में तेज हवा भी चल रही है। बताया जा रहा है कि हवा की गति 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसका पूरा असर मंगलवार को कुछ जिलों में देखने को मिलेगा। IMD ने अलर्ट किया हैं कि बारिश का दौर थमने से राज्य में सर्दी का असर बढ़ने की संभावना है। वहीं बता दें कि इस साल मानसून का आगमन जुलाई के महीने में हो गई थी लेकिन इस साल मानसून अधिक दिनों तक नहीं टिकी जिस कारण किसानों को निराश भी होना पड़ा।


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