जयपुर। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लागू कराने के लिए जयपुर जिले के बस्सी तहसील के दयारामपुरा गांव निवासी धनसिंह मीणा ने 13 जिलों की यात्रा आरंभ की है. यात्रा के दौरान अलग-अलग गांव, जिलों में जाकर लोगों को ईआरसीपी के बारे में समझा रहे थे एवं उसकी महत्ता को साझा कर रहे थे. […]
जयपुर। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लागू कराने के लिए जयपुर जिले के बस्सी तहसील के दयारामपुरा गांव निवासी धनसिंह मीणा ने 13 जिलों की यात्रा आरंभ की है. यात्रा के दौरान अलग-अलग गांव, जिलों में जाकर लोगों को ईआरसीपी के बारे में समझा रहे थे एवं उसकी महत्ता को साझा कर रहे थे.
आपको बता दें धनसिंह मीणा लोगों को ईआरसीपी के प्रति जागरूक कर रहे हैं.. इसके लिए उन्होंने 13 जिलों की शुरुआत की है. वह विभिन्न गांवों और कस्बों में जाकर लोगों को ईआरसीपी के फायदों के बारे में अवगत करा रहे हैं. इसके साथ की 25 मई को जयपुर के शहीद स्थल पर पहुंचे कर आग्रह कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब तक अलवर, राजधानी जयपुर, दौसा, करोली में यात्रा कर चुके हैं. 11 मई को वे सवाई माधोपुर के भूरी पहाड़ी गांव पहुंचे।
धनसिंह भूरीपहाड़ी पहुंचकर वहां के लोगों से बातचीत की. उन्होंने ईआरसीपी को लेकर विस्तार से चर्चा की. अब सवाई माधोपुर के बाद वह टोंक जिले की यात्रा करेंगे और वहां जाकर लोगों को इसके बारे में अवगत करा जागरूकता फैलाएंगे। टोंक में यात्रा के बाद झालवाड़ा होते जयपुर जाएंगे और वहां लोगों के साथ एकजुट होकर सरकार से ईआरसीपी को लागू कराने की मांग करेंगे। भूरिपाहिदी में जनता से बातचीत करने के दौरान उनके साथ हरिराम शर्मा, विकास बालोत, रामनिवास पंचोली, पुरण चंद, हजारी गुर्जर, दुर्गा धोबी, भरतलाल मीणा, किरोड़ीलाल मीणा, रामराज मीणा, रामरतन प्रजापति, हेमराज मीणा, शंभू केवट, हेमराज मीणा, दौलतराम मीणा समेत अन्य लोग मौजूद रहे.
कलश यात्रा का शुभांरभ
गांव में स्थित चतुर्भुज मंदिर में गुरूवार से भागवत कथा का शुभांरभ किया गया. इस अवसर पर कलश यात्रा निकाली गई जिसमें महिलाओं ने बढ़- चढ़कर हिस्सा लिया। कलश यात्रा से पहलेर शिव मंदिर परिसर में कई धार्मिक कार्कयकृमों का आयोजन भी हुआ. जिसके बाद यहां अलग-अलग धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए थे.