जयपुर। बारिश के मौसम में सांप के कई मामले सा्मने आते है। सांप के काटने से कई बार समय पर इलाज नहीं मिलता। जिसके कारण बहुत से लोगों की मौत हो जाती हैं। आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 58000 लोगों की मौत केवल सांप के काटने से होती है। […]
जयपुर। बारिश के मौसम में सांप के कई मामले सा्मने आते है। सांप के काटने से कई बार समय पर इलाज नहीं मिलता। जिसके कारण बहुत से लोगों की मौत हो जाती हैं। आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 58000 लोगों की मौत केवल सांप के काटने से होती है। यह बस आधिकारिक आंकड़ा है, एक्सपर्टों की माने तो असली आंकड़ें इससे भी ज्यादे होते हैं। ऐसे आकड़ों में वृद्धि बारिश के मौसम में ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसे सांप काटने के केस सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों से सामने आते है। जो लगभग 80 फ़ीसदी के आस पास होते है। BBC Earth के मुताबिक भारत में सांप की लगभग 300 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है। जिनमे से 60 प्रजातियां जहरीली प्रजातियों की श्रेणी में आती है।
जहरीले साँपों की प्रजातियों में चार प्रजातियां सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। जिनमे रसेल वाइपर, कॉमन करैत, सॉ स्केल्ड वाइपर और इंडियन कोबरा सबसे खतरनाक सांप शामिल हैं। हालांकि किसी भी सांप के काटने को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हमें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल जाना चाहिए। गावों में लोग सांप काटने के बाद दवा की जगह झाड़-फूंक पर ज्यादा भरोसा करते है। जिससे विष पूरे शरीर में फ़ैल जाता है और लोगों की जान चली जाती है। ऐसे में हमे सांप के काटने के बाद जहर के असर को कम करने के लिए कुछ घरेलू उपचार करना चाहिए। याद रहें सांप काटने के बाद हमे केवल घरेलू उपचार पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। सांप के असर को पूरी तरीके से खत्म करने के लिए अस्पताल जाना चाहिए।
1.जिस व्यक्ति को सांप काटा हो उसे सबसे पहले आरामदायक खुले वातावरण में लिटा देना चाहिए।
2.टाइट कपडे को ढ़ीला कर देना चाहिए।
4.शरीर के जिस पार्ट पर सांप ने काटा है, उसे किसी हल्के और साफ कपडे से ढ़क देना चाहिए।
5.जितनी जल्दी हो सके डॉ. की सलाह से उसको एंटी वेनम इंजेक्शन लगवाना चाहिए।
6.भीड़ से दूर शांति जगह पर रखना चहिए।