जयपुर। अजमेर-जयपुर हाईवे पर गैस टैंकर में आग लगने के बाद लगभग 100 मीटर दूर एक और 18 टन एलपीजी का टैंकर इसकी चपेट में आ गया था, इस टैंकर का तापमान 100 डिग्री तक पहुंच गया, लेकिन दमकल कर्मियों ने टैंकर पर 7 घंटे तक लगातार पानी डाला। दोपहर लगभग 12 बजे के बाद […]
जयपुर। अजमेर-जयपुर हाईवे पर गैस टैंकर में आग लगने के बाद लगभग 100 मीटर दूर एक और 18 टन एलपीजी का टैंकर इसकी चपेट में आ गया था, इस टैंकर का तापमान 100 डिग्री तक पहुंच गया, लेकिन दमकल कर्मियों ने टैंकर पर 7 घंटे तक लगातार पानी डाला। दोपहर लगभग 12 बजे के बाद गैस से भरे टैंकर का तापमान नियंत्रित हुआ।
तब तक पुलिस, प्रशासन और अन्य अधिकारियों की सांसे अटकी पड़ी थी। अजमेर से खाली टैंकर बुलाया गया, जो दोपहर को भांकरोटा पहुंचा। तब तापमान बढ़ने वाले टैंकर की गैस खाली दूसरे टैंकर में ट्रांसफर की गई। हादसे के बाद सुबह 5 बजे तक अजमेर हाईवे को बंद कर दिया। रात 8:40 बजे दोपहर तक पुलिस ने आग की चपेट में आने वाले सभी वाहनों को मौके से हटवा दिया। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त हुए हाईवे की सफाई करवाई। मौके पर माचिस की तैयार तीली से भरा कंटेनर भी आग की चपेट में आ गया था।
गरीमत रही कि आग अंदर तक नहीं पहुंच पाई, जिससे हादसा टल गया। वहीं घटना स्थल के सटकर भूमिगत एलपीजी गैस की पाइप लाइन जामनगर जा रही है। धमाके के समय पाइप लाइन को किसी तरह की हानि नहीं हुई। पाइपलाइन में आग लगने पर हादसा और भयानक हो सकता था। पाइप लाइन सुरक्षित है। बात दें कि हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। जिनमें से कई तो जिंदा ही जल गए। बता दें कि 32 लोग गंभीर रूप से झुलस गए, जिनमें से कई लोगों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
अगर टैंकर में आग लग जाती तो मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। अजमेर रोड पर हादसा इतना खतरनाक था कि लोगों को आग के गोले उठते दिखाई दे रहे थे। आसपास के क्षेत्र में 41 वाहनों इस हादसे की चपेट में आ गए। जिनमें कई ट्रक, कार, बस और बाइक शामिल है। परिवहन अधिकारी राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि गैस टैंकर को टक्कर मारने वाले कंटेनर ड्राइवर पर ओवर स्पीड के कई चालान हो चुके थे।