जयपुर। राजस्थान में चुनावी साल के दौरान राजनितिक पारा काफी गर्म हो गया है. विशेष बात यह है कि यह सियासी परिदृश्य कांग्रेस के अंतर्गत हो रहा है न कि कांग्रेस बनाम भाजपा के कारण। प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट दो दिग्गज नेताओं के बीच एक बार फिर से अतिरिक्त […]
जयपुर। राजस्थान में चुनावी साल के दौरान राजनितिक पारा काफी गर्म हो गया है. विशेष बात यह है कि यह सियासी परिदृश्य कांग्रेस के अंतर्गत हो रहा है न कि कांग्रेस बनाम भाजपा के कारण। प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट दो दिग्गज नेताओं के बीच एक बार फिर से अतिरिक्त तनाव बढ़ रहा है। सोमवार को पायलट ने अपनी जन संघर्ष यात्रा की शुरुआत अजमेर से की और जयपुर में संपन्न की। वहां से उन्होंने सरकार से तीन मांगों को पूरा करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया।
इसी गर्मजोशी के बीच एक मामला सामने आया जो चर्चा का विषय बन गया। खरीदारी मामले में पायलट समर्थित सीनियर विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के विरुद्ध धोखाधड़ी का आरोप था, जिसके बाद राजस्थान पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की। सोलंकी ने इस एफआईआर के खिलाफ तमाम आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित होने की बात कही है।
महिला ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसके और उसके पति को गांधी नगर स्थित सरकारी आवास पर बुलाया था. चाकूस से कई लोग जमीन की रजिस्ट्री विधायक के गांधी नगर सरकारी आवास पर लेकर आए थे. शिकायत के बाद पुलिस ने सोलंकी समेत अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. दरअसल महिला ने आरोप लगाया है कि विधायक ने अपने सरकारी आवास पर बुलाकर 38 लाख की जमीन को बेचने को कहा. उन्होंने कहा कि आपकी जो जमीन है वो हमारे नाम कर दो, हम आपको भुगतान दे देंगे लेकिन 38 लाख की जमीन उनके नाम करने के बावजूद भी राशि भुगतान नहीं किया गया. जानकारी के मुताबिक इस मामले की जांच सीआईडी द्वारा की जा सकती है.