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राजस्थान: भारत का ये क्षेत्र बना देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर

जयपुर। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के द्वारा प्रकाशित डाटा के अनुसार गुरुग्राम और रोहतक के बाद राजस्थान का बीकानेर जिला सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा. देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर आपको बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अनुसार बीकानेर में रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 का आकड़ा पार गया है जो […]

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Bikaner Is the Third Highest Polluted City Of India
  • May 16, 2023 5:47 am IST, Updated 2 years ago

जयपुर। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के द्वारा प्रकाशित डाटा के अनुसार गुरुग्राम और रोहतक के बाद राजस्थान का बीकानेर जिला सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा.

देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर

आपको बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अनुसार बीकानेर में रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 का आकड़ा पार गया है जो राजस्थान का एकमात्र जिला रहा. बता दें कि देश के मुख्य 10 प्रदूषित शहरों में से राजस्थान के चार शहर शामिल रहे जिनमें से बीकानेर, सीकर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ रहे. वहीं यहां आंधी-तूफान के कारण बीते 24 घंटे में हवा में पार्टिकुलेट मैटर- 10 रहा जो सबसे अधिक वायु प्रदूषक रहा था. जानकारी के अनुसार आंधी और धूल भरी हवा की वजह से प्रदेश के 33 जिलों में एक भी ऐसा जिला नहीं था जहां सांस लेने के लिए अच्छी हवा बची हो. मौसम विभाग ने जहां एक तरफ अलर्ट जारी किया वहीं चिकित्सा विभाग ने भी सांस की बीमारी से ग्रसित लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी.

मुख्य प्रदूषित शहर

बता दें कि सबसे प्रदूषित शहर गुरुग्राम में 306 एयर क्वालिटी इंडेक्स रहा वहीं गुरुग्राम में 306, रोहतक में भी 306, बीकानेर में 305, श्रीगंगानगर में 261, सिरसा में 271, दिल्ली में 259, नोएडा में 258, सोनीपत में 257 और सीकर में 245 एयर क्वालिटी इंडेक्स रहा था.

बरसात से वायु प्रदूषण में कमी

वर्तमान में प्रदेश में पश्चिमी उत्सर्जन गतिशील है। बाढ़ के बाद कुछ जिलों में वर्षा और बूंदों के कारण धूल कण गिर गए थे, जिससे अधिक वायु प्रदूषण से राहत मिली। 33 जिलों में से 30 में सीपीसीबी का वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग सिस्टम लगा हुआ है। 16 जिलों में एक्यूआई 100 से 150 के बीच रहा था जो मध्यम स्तर का था। पांच जिलों में यह 150 से 200 के बीच रहा था और पांच जिलों में 200 से अधिक था। केवल चार जिलों में एक्यूआई 50 से 100 के बीच था। किसी भी जिले में एक्यूआई 50 से कम नहीं था।


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