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महिलाओं को जल्द ही संसद-विधानसभाओं में मिलेगा उचित प्रतिनिधित्व- उपराष्ट्रपति धनखड़

जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर का दौरा किया। उन्होंने महारानी महाविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं जब महिलाओं को संवैधानिक संशोधन के जरिए संसद और विधानसभाओं में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। उपराष्ट्रपति ने जयपुर का किया दौरा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने महारानी महाविद्यालय […]

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Vice President Jagdeep Dhankhar
  • September 5, 2023 2:59 am IST, Updated 1 year ago

जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर का दौरा किया। उन्होंने महारानी महाविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं जब महिलाओं को संवैधानिक संशोधन के जरिए संसद और विधानसभाओं में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा।

उपराष्ट्रपति ने जयपुर का किया दौरा

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने महारानी महाविद्यालय की छात्राओं के साथ “राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भागीदारी” विषय पर संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपने निर्णय स्वयं लें और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें। पुरुषों की नकल मत कीजिए, वे आपसे श्रेष्ठ नहीं हैं, अपने आपको मौलिक रखिये। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने छात्राओं को तीन मंत्र दिए- पहला, कभी टेंशन मत लीजिये, टेंशन लेने से कुछ नहीं होता। दूसरा, असफलता से कभी मत डरो और तीसरा यह कि आपके दिमाग मे कोई अच्छा विचार आये तो उसे केवल दिमाग मे मत रखे रखिए बल्कि जमीन पर लागू करिए।

युवाओं से अति-प्रतिस्पर्धा में ना पड़ने की अपील

युवाओं से अति-प्रतिस्पर्धा में न पड़ने की अपील करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें अपनी रुचि के अनुसार कैरियर के चुनाव करना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अब वो दिन दूर नहीं जब संविधान में संशोधन करके संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को उनका उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। यदि महिलाओं को ये आरक्षण जल्दी मिल गया तो भारत 2047 से पहले ही विश्व शक्ति बन जाएगा।

महिला शिक्षा पर दिया बल

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने मिहिलाओं की सीखा पर परकास डालते हुए कहा कि लड़के को पढ़ाने से एक परिवार ही तरक्की करता है, लेकिन यदि हम एक लड़की को पढ़ाते हैं तो कई परिवार शिक्षित होते हैं। आगे बोले कि मेरे जीवन में एक ही ताकत है- मेरी नानी, दादी, मेरी मां और मेरी धर्मपत्नी। पांच दशक के सार्वजनिक जीवन मे अनेक उतार चढ़ाव आए, लेकिन ये महिलाएं मेरे पीछे चट्टान के समान अडिग खड़ी रहीं।


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