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रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे जलाने के निर्देश…भजनलाल सरकार का बड़ा आदेश

जयपुर: राजस्थान सरकार ने इस बार दिवाली, क्रिसमस और नए साल जैसे प्रमुख त्योहारों पर आतिशबाजी के लिए सख्त नियम लागू किए हैं. सरकार की ओर से जारी इस निर्देश के मुताबिक, त्योहारों पर आतिशबाजी का समय सीमित कर दिया गया है. अलवर और भरतपुर जैसे जिलों के लिए गाइडलाइन बता दें कि भजनलाल सरकार […]

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  • October 27, 2024 8:18 am IST, Updated 4 months ago

जयपुर: राजस्थान सरकार ने इस बार दिवाली, क्रिसमस और नए साल जैसे प्रमुख त्योहारों पर आतिशबाजी के लिए सख्त नियम लागू किए हैं. सरकार की ओर से जारी इस निर्देश के मुताबिक, त्योहारों पर आतिशबाजी का समय सीमित कर दिया गया है.

अलवर और भरतपुर जैसे जिलों के लिए गाइडलाइन

बता दें कि भजनलाल सरकार ने NCR क्षेत्र के अलवर और भरतपुर जैसे जिलों में दिवाली पर आतिशबाजी की समय सीमा तय की है। इन दो जिलों में लोग रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़ सकेंगे. इसके अलावा क्रिसमस और नए साल की रात केवल आधे घंटे (रात 11:55 से 12:30 बजे तक) आतिशबाजी करने की इजाजत दी गई है.

इन जगहों से दूरी बनाकर रखें

पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मुताबिक, साइलेंस जोन जैसे अस्पताल, नर्सिंग होम, स्कूल, कॉलेज, कोर्ट और धार्मिक स्थानों के आसपास 100 मीटर की दूरी पर पटाखे जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध है. इससे मरीजों, छात्रों और धार्मिक स्थलों के लिए शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने में मदद मिलेगी.

वायु प्रदूषण होने से रोका जा सकें

पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार ने दिवाली और अन्य अवसरों पर ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल पर जोर दिया है. विवाह एवं अन्य समारोहों में केवल हरित पटाखों के उपयोग की अनुमति होगी. ग्रीन पटाखों से होने वाला प्रदूषण अपेक्षाकृत कम होता है, जिससे वायु की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलती है.

नजर बनाएं रखने का निर्देश

राज्य सरकार ने सभी जिला प्रशासन को प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री पर पूरी निगरानी रखने का निर्देश दिया है. किसी भी बाजार में प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री की अनुमति नहीं होगी।

स्कूलों और कॉलेजों में जाकर बच्चों को बताएं

राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों के प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे स्कूलों और कॉलेजों में जाकर बच्चों को पटाखों के नुकसान और सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूक करें। बच्चों में सुरक्षित आतिशबाजी और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि दिवाली सुरक्षित रूप से मनाई जा सके।


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