जयपुर: देश भर में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो चुकी है। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का अपना एक विशेष महत्त्व है। आज मंगलवार 16 अप्रैल को माता के आठवें रूप की पूजा की जाती है। माता के आठवें रूप में महागौरी की पूजा की जाती है। देश भर में बड़े ही […]
जयपुर: देश भर में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो चुकी है। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का अपना एक विशेष महत्त्व है। आज मंगलवार 16 अप्रैल को माता के आठवें रूप की पूजा की जाती है। माता के आठवें रूप में महागौरी की पूजा की जाती है। देश भर में बड़े ही धूमधाम से महाअष्टमी मनाया जा रहा है। बता दें कि नवरात्रि के दौरान सभी दिनों को विशेष माना जाता है, हालांकि अष्टमी और नवमी तिथि नवरात्रि के दो सबसे अहम माने जाते हैं। महाष्टमी के दिन माता के भक्त विशेष उपवास भी रखते हैं। इस तिथि पर लोग घरों में कन्या पूजन भी करते है.
महाष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार महाष्टमी की तिथि आज 15 अप्रैल दोपहर 12:11 बजे से शुरू है, जो अगले दिन बुधवार 16 अप्रैल दोपहर 1:23 बजे तक रहेगा। इस दिन कन्या पूजन करना अति शुभ बताया गया है। माना जाता है कि अगर हम महाष्टमी तिथि पर कन्या भोजन करवाते है तो माता अधिक प्रसन्न होती है और अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करती है.
आज महाष्टमी तिथि है. इस दिन कन्या पूजन का अलग ही महत्त्व हैं। आज मंगलवार को महाष्टमी पर कन्या पूजन के लिए मुहूर्त सुबह 7:51 बजे से लेकर सुबह 10:41 बजे तक है। बता दें कि कन्या पूजन अभिजीत मुहूर्त में भी करना शुभ बताया गया है। अभिजीत मुहूर्त आज सुबह 11:55 से लेकर दोपहर 12:47 बजे तक है।
बता दें कि अष्टमी कन्या भोज या पूजन के लिए कन्याओं को एक दिन पहले आमंत्रित किया जाता है. गृह प्रवेश पर कन्याओं का स्वागत करते है. नव दुर्गा के सभी नौ नामों के जयकारे लगाया जाता है. इन कन्याओं को स्वच्छ जगह पर बिठाकर सभी के पैरों को थाली में रखकर अपने हाथों से धोया जाता है। फिर इसके बाद कन्या भोजन करा कर। विदाई की जाती है।