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Mahapanchayat: थप्पड़ कांड मामले के बीच नरेश मीणा के समर्थन में आयोजित हुई महापंचायत, समर्थकों की भारी भीड़

जयपुर। राजस्थान में उपचुनाव के दिन एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में नरेश मीणा और उनके कई समर्थक पर कार्रवाई की गई। इस सिलसिले में आज यानी 29 दिसंबर को टोंक जिले के नगरफोर्ट में सर्व समाज ने नरेश मीणा के समर्थन में सर्व समाज की महापंचायत शुरू की। महापंचाय में लोगों की भारी […]

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Mahapanchayat
  • December 29, 2024 11:12 am IST, Updated 2 months ago

जयपुर। राजस्थान में उपचुनाव के दिन एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में नरेश मीणा और उनके कई समर्थक पर कार्रवाई की गई। इस सिलसिले में आज यानी 29 दिसंबर को टोंक जिले के नगरफोर्ट में सर्व समाज ने नरेश मीणा के समर्थन में सर्व समाज की महापंचायत शुरू की।

महापंचाय में लोगों की भारी भीड़

महापंचायत में शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटने लगी। इस महापंचायत में 1 से 2 लाख लोग शामिल हुए। महापंचायत को लेकर पूर्व आईएएस के.सी.घुमरिया ने कहा कि आज की महापंचायत के बाद भी अगर सरकार नहीं जागी, समाज की मांगों पर विचार नहीं किया गया तो जयपुर में बड़ी महापंचायत का आयोजन होगा। उन्होंने आगे कहा कि समरावता में इस सरकार ने जलियांवाला बाग जैसी कार्रवाई की और निर्दोष लोगों के घरों पर आंसू गैस के गोले दागे। साथ ही गाड़ियां जला दी।

हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई

नरेश मीणा की रिहाई के साथ ही वे समरावता हिंसा और आगजनी मामले की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं। इस बीच टोंक पुलिस अधीक्षक विकास सागवान ने बताया कि सभा में आने वाले हर व्यक्ति पर ड्रोन से निगरानी की जाएगी। सड़कों पर जगह-जगह चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। वाहनों के नंबर नोट करने से लेकर वीडियोग्राफी सारी तैयारी पूरी हो गई। एसपी ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी तरह का दंगा या हिंसा ना करें। हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

वोटिंग का बहिष्कार

13 नवंबर को देवली-उनियारा सीट पर समरावता में उपचुनाव के लिए हो रही वोटिंग के बीच ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया और विभिन्न मांगों को बवाल किया। इसके बाद वहां पहुंचे निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम से बहसबाजी की और उन्हें थप्पड़ मार दिया। जिसके बाद मामला इतना बढ़ गया कि नरेश मीणा की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन होने लगे। वहीं मतदान का बहिष्कार करने वाले ग्रामीण इस थप्पड़कांड के बाद मतदान केंद्र से थोड़ी दूर धरने पर बैठ गए।

नरेश मीणा के साथ धरने पर बैठे

लगभग 4 घंटे बाद दोपहर करीब साढ़े 3 बजे ग्रामीण मतदान करने के लिए राजी हुए, लेकिन मतदान के बाद वे फिर नरेश मीणा के साथ धरने पर बैठ गए।


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