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राजस्थान: विधानसभा में आज एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट और राइट टू हेल्थ बिल होंगे पारित, जानिए पूरा मामला

जयपुर। राजस्थान के विधानसभा में आज राइट टु हेल्थ बिल एवं एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को पारित किया जाएगा। बता दें कि पहले इन दोनों बिलों पर सदन में चर्चा होगी और फिर इन्हे पारित किया जाएगा। दोनों बिल आज सदन में होंगे पारित आपको बता दें कि राज्य में कई समय से चर्चित दोनों बिल […]

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Right To Health Bill and Advocate Protection Act will be discussed in Legislative Assembly
  • March 21, 2023 7:15 am IST, Updated 2 years ago

जयपुर। राजस्थान के विधानसभा में आज राइट टु हेल्थ बिल एवं एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को पारित किया जाएगा। बता दें कि पहले इन दोनों बिलों पर सदन में चर्चा होगी और फिर इन्हे पारित किया जाएगा।

दोनों बिल आज सदन में होंगे पारित

आपको बता दें कि राज्य में कई समय से चर्चित दोनों बिल आज सदन में पारित किए जाएंगे, लेकिन इससे पहले आज राइट टू हेल्थ बिल और एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2023 पर सदन में चर्चा होगी। सत्ता पक्ष–विपक्ष के सदस्य दोनों बिलों पर अपनी अपनी राय रखेंगे और उसके उपरांत दोनों बिल बहुमत रूप से पारित हो जाएगी। इसके साथ लंबे समय से चली आ रही राइट टू हेल्थ बिल लागू तो वहीं एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांगे भी पूरी हो जाएगी।

पिछले बजट में रखा गया था ‘राइट टू हेल्थ बिल’

आपको बता दें कि 2019 में चल रहें चुनाव के दौरान अशोक गहलोत ने राइट टू हेल्थ बिल का जिक्र करते हुए कहा था कि सरकार इस बिल को प्रदेश में लागू कराएगी। अशोक गहलोत की सरकार बनने के बाद इस बिल का विरोध होने लगा, ऐसे में इस बिल को कई बार पारित कराने की कोशिश की गई लेकिन हमेशा नाकाम रही. बता दें कि पिछले सत्र में इस बिल को सदन की पटल पर रखा गया था लेकिंन चर्चा के दौरान पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने बिल से जुड़े कई नकारात्मक बातें गिनाई थी, और प्रवर समिति की तरफ से बिल वापस सरकार के पास पहुंच गया जिसे आज एक बार फिर से सदन की पटल पर रखा जाएगा और उस पर चर्चा होगी।

डॉक्टर्स कर रहें है विरोध

आपको बता दें कि राज्य के डॉक्टरों ने राइट टू हेल्थ को राइट टू किल नाम दिया है. दरअसल डॉक्टरों का कहना है कि इस बिल के आने के बाद वह मरीजों का फ्री में इलाज करने को मजबूर हो जाएंगे जिससे सभी डॉक्टर्स और हॉस्पिटल्स को भुगतान करना होगा. डॉ. विजय कपूर ने कहा कि या तो सरकार इस बिल को राइट टू इमरजेंसी ट्रीटमेंट के नाम से लाए या हेल्थ की परिभाषा के अनुसार स्वच्छ पेयजल, उन्होंने कहा कि यह राइट टू हेल्थ बिल हमें किसी भी तरह से मंजूर नहीं है.


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