जयपुर: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उन-मुस्लिमीन यानी की (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशियों को उतारने का निर्णय लिया है. बतौर ओवैसी राजस्थान विधानसभा की कुल 200 में से 40 सीटों पर (AIMIM) के प्रत्याशी अपना दमखम दिखाएंगे. उन्होंने ये ऐलान अलवर के टपूकड़ा में पार्टी चुनावी कार्यालय […]
जयपुर: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उन-मुस्लिमीन यानी की (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशियों को उतारने का निर्णय लिया है. बतौर ओवैसी राजस्थान विधानसभा की कुल 200 में से 40 सीटों पर (AIMIM) के प्रत्याशी अपना दमखम दिखाएंगे. उन्होंने ये ऐलान अलवर के टपूकड़ा में पार्टी चुनावी कार्यालय के उद्धाटन करते वक्त किया था. बता दें कि राजस्थान के मुस्लिम वोटरों पर ओवैसी का अच्छा खासा पकड़ है. ऐसे में अगर ओवैसी की पार्टी चुनावी रण में उतरती है तो ऐसे में कांग्रेस के वोट बैंक पर असर पड़ेगा.
बता दें कि पूर्वी राजस्थान के अलवर सवाई माधोपुर और टौंक के कई ऐसे विधानसभा हैं, जहां मुस्लिम समुदाय बहुसंख्यक है. ऐसे में इन सीटों पर ओवैसी की पार्टी का उतरना कहीं ना कहीं कांग्रेस के वोटबैंक को प्रभावित करने वाला है. ओवैसी ने जिन 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय किया है उनमें से 29 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं. वहीं इन 40 सीटों में से महज 7 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. साथ ही इनमें 3 सीटों पर बसपा जीती थी. वहीं एक सीट निर्दलीय प्रत्याशी के खाते में रहा. बसपा और निर्दलीय का साथ मिलने से कांग्रेस के खाते में इन 40 में से 33 सीटें गई थीं.
बता दें कि साल 2023 के आखिरी तक राजस्थान विधानसभा चुनाव होने वाला है. ऐसे में सारी पार्टियां अपनी-अपनी चुनावी समीकरण बनाने में जुटी हैं. राजस्थान की सियासत की अगर बात करें तो यहां हर पांच साल पर सरकार बदलने की चलन रही है. ऐसे में ये चुनाव अशोक गहलोत के लिए काफी अहम हो जाता है. बता दें कि अशोक गहलोत लगातार ये दावें करते आए हैं कि उनकी सरकार राज्य में रिपीट करेगी, लेकिन ओवैसी के इस ऐलान से आने वाले चुनाव में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.