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राजस्थान: राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल अब खत्म, 8 बिंदुओं पर बनी सहमति

जयपुर। प्रदेश में लंबे समय से चल रहा राइट टू हेल्थ बिल का विरोध अब खत्म हो गया है। डॉक्टरों और सरकार के बीच आज बातचीत हुई जिसके बाद 8 बिंदुओं पर सहमति बनी है। राइट टू हेल्थ बिल का विरोध हुआ खत्म आपको बता दें कि राइट टू हेल्थ बिल को लेकर लंबे समय […]

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Right to Health bill Protest Over
  • April 4, 2023 9:56 am IST, Updated 2 years ago

जयपुर। प्रदेश में लंबे समय से चल रहा राइट टू हेल्थ बिल का विरोध अब खत्म हो गया है। डॉक्टरों और सरकार के बीच आज बातचीत हुई जिसके बाद 8 बिंदुओं पर सहमति बनी है।

राइट टू हेल्थ बिल का विरोध हुआ खत्म

आपको बता दें कि राइट टू हेल्थ बिल को लेकर लंबे समय से चल रहा विरोध प्रदर्शन अब समाप्त हो चुका है। बिल के विरोध में लंबे समय से आंदोलन कर रहे डॉक्टर्स की हड़ताल सरकार से बातचीत के बाद अब खत्म हो गई है। राज्य सरकार और डॉक्टरों के बीच बातचीत के दौरान 8 बिंदुओं पर सहमति बनी है। इस दौरान एसीएस डॉक्टर टी.रविकांत मौजूद रहे. इसके पूर्व डॉक्टर्स और सरकार के बीच सचिवालय में मुख्य सचिव उषा शर्मा के साथ बातचीत हुई थी. बातचीत के दौरान 8 बिंदुओं पर चर्चा हुई. बताते चले की सहमति पत्र पर टी.रविकांत और अन्य डॉक्टर्स के हस्ताक्षर मौजूद हैं. विरोध प्रदर्शन खत्म होने से राज्य में लोगों ने भी राहत की सास ली है. लंबे समय से चल रही डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते हॉस्पिटल्स की हालत खराब हो गई थी.

सीएम से हो सकती है मुलाकात

बता दें कि हड़ताल खत्म होने के उपरान्त डॉक्टर्स की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मुलाकात हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक 4 अप्रैल यानी आज अशोक गहलोत से मुलाकात की संभावना है. इसके पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार डॉक्टरों से विरोध प्रदर्शन खत्म करने की दरख्वास्त कर चुके है.

इन बिंदुओं पर हुआ समझौता

सरकार और डॉक्टर्स के बीच 8 बिंदुओं पर सहमति बनी है जो कुछ इस प्रकार है-

  1. 50 बेड से कम वाले प्राइवेट ल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स ‘राइट टू हेल्थ बिल’ से बाहर हों.
  2. प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और पीपीपी मोड पर बने हॉस्पिटल ‘राइट टू हेल्थ बिल’ के दायरे में आएंगे
  3. सरकार से फ्री या रियासती दरों पर जमीन लेने के बाद हॉस्पिटल्स स्थापित करना
  4. राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों पर बने अस्पतालों को कोटा में नियमित करने पर विचार किया जाएगा
  5. विरोध प्रदर्शन के दौरान दर्ज किए गए पुलिस केस और अन्य मामले वापस लिए जाएंगे
  6. हॉस्पिटल्स के लिए लाइसेंस स्वीकृतियों के लिए ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ बनाया जाएगा
  7. फायर एनओसी नवीनीकरण हर 5 वर्ष में फायर एनओसी नवीनीकरण करवाया जाएगा
  8. 8 रूल्स में और कोई चेंजेस यदि हो तो, आईएमए के दो प्रतिनिधियों से सलाह लेने के बाद ही किया जाएगा

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