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Rajasthan Election: राजस्थान में चुनाव के बाद अब फिर से उठाया जा रहा राज या रिवाज का सवाल

जयपुर। राजस्थान में बीते शनिवार को विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुका है। अब मतों की गणना 3 दिसंबर को की जाएगी। बता दें कि राजस्थान को दो दलीय राज्य के रूप में देखा जाता है। यहां पिछले कुछ दशकों में सत्ता वैकल्पिक हाथों में जाती दिखी है। शनिवार को हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर […]

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Rajasthan Election
  • November 26, 2023 6:23 am IST, Updated 1 year ago

जयपुर। राजस्थान में बीते शनिवार को विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुका है। अब मतों की गणना 3 दिसंबर को की जाएगी। बता दें कि राजस्थान को दो दलीय राज्य के रूप में देखा जाता है। यहां पिछले कुछ दशकों में सत्ता वैकल्पिक हाथों में जाती दिखी है। शनिवार को हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मतदान प्रतिशत उम्मीद से कहीं अधिक हुआ। दरअसल, चुनाव आयोग ने 74 प्रतिशत से अधिक मतदान होने की घोषणा की है। हालांकि अभी अंतिम आंकड़े घोषित नहीं हुए हैं।

अन्य पार्टियां भी ला सकती हैं बदलाव

राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव के प्रतिशत को देखते हुए राजनीतिक जानकार बीजेपी की तरफ जीत का रुझान बता रहे हैं, वहीं इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि क्या बागी और बसपा, सपा और आप जैसी अन्य पार्टियां भी नतीजों में बदलाव दिखा सकती हैं? इस वक्त राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दल के साथ-साथ पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का खेमा भी 3 दिसंबर को आने वाले नतीजे का बेसब्री से इंतजार करता नजर आ रहा है।

कौन बनेगा मुख्यमंत्री?

इस दौरान राजनीतिक विश्‍लेषक प्रकाश भंडारी का कहना है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो सीपी जोशी और बीजेपी की सरकार बनी तो सचिन पायलट को विपक्ष का नेता बनाया जा सकता है। वहीं अब इस बात की चर्चा हो रही है कि कौन होगा मुख्यमंत्री? दूसरी तरफ राजनीतिक नेताओं का कहना है कि अगर बीजेपी जीतती है तो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम सामने आ सकता है। ऐसे में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए निर्दलीय पार्टियों के साथ-साथ अन्य विधायकों को भी एकजुट किया जा सकता है।

निर्दलीय बागियों और बसपा विधायकों पर निशाना

ऐसे में सूत्रों का यह भी मानना है कि सीएम गहलोत और उनकी टीम भी यह संयोजन करने का विचार बना रही है। इसके साथ ही राज्य में नया राजनीतिक समीकरण बनाने के लिए निर्दलीय बागियों और बसपा के विधायकों को एकजुट करने का प्रयास किया जा सकता है। बता दें कि पिछले दो कार्यकालों में बसपा के सभी छह विधायक दल-बदलुओं की भूमिका निभाते हुए कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। इसी तरह समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी इस बार राजस्थान में अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

राज या रिवाज?

शनिवार को विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने यह उम्मीद जताई थी कि उनकी पार्टी सरकार बनाएगी। ऐसे में मुख्यमंत्री गहलोत ने विश्‍वास जताया कि पिछली बार की तरह इस बार भी कांग्रेस राजस्थान में सरकार बनाएगी। वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा, आज लोग पूरे दिन लंबी लाइनों में खड़े रहे और कांग्रेस के कुशासन, जनविरोधी नीतियों और झूठी गारंटी के खिलाप मतदान किया। इस बीत चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से राज्य में लोग परेशान हैं, जिस कारण लोगों में कांग्रेस के खिलाफ गुस्सा भरा हुआ है।


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