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Rajasthan Governor: राजस्थान को मिला नया राज्यपाल, कलराज मिश्र की जगह पर इन्हें मिला मौका

जयपुर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरिभाऊ किसनराव बागडे को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया है। बागड़े कलराज मिश्र की जगह लेंगे। मिश्र ने राज्यपाल के रूप में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। राष्ट्रपति भवन ने शनिवार (27 जुलाई) रात को कहा कि यह उनके संबंधित कार्यालय का कार्यभार संभालने की […]

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  • July 28, 2024 9:11 am IST, Updated 7 months ago

जयपुर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरिभाऊ किसनराव बागडे को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया है। बागड़े कलराज मिश्र की जगह लेंगे। मिश्र ने राज्यपाल के रूप में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। राष्ट्रपति भवन ने शनिवार (27 जुलाई) रात को कहा कि यह उनके संबंधित कार्यालय का कार्यभार संभालने की तारीख से प्रभावी होगी। बता दें कि बागड़े महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष की जिम्मेवारी भी संभाल चुके हैं।

जानें हरिभाऊ बागड़े से जुड़ी बातें

हरिभाऊ किसनराव बागडे 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। इससे पहले हरिभाऊ किसनराव बागडे महाराष्ट्र के विभिन्न विभागों में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, होर्टीकल्चर, रोजगार गारंटी मंत्री भी रह चुके हैं।

भाजपा नेता हरिभाऊ किसनराव बागडे औरंगाबाद जिले से आते हैं। हरिभाऊ 1985 में पहली बार विधायक बने थे। बता दें कि हरिभाऊ किसनराव बागडे अगले महीने अगस्त में 79 वर्ष के हो जाएंगे।

इन नेताओं को दी गई इस राज्य की जिम्मेदारी

राजस्थान में बीजेपी के दिग्गज नेता गुलाब चंद कटारिया को पंजाब का राज्यपाल बनाया गया है. कटारिया अब तक असम के राज्यपाल थे. पंजाब के साथ-साथ उन्हें चंडीगढ़ प्रशासक की भी जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही राजस्थान भाजपा के नेता ओमप्रकाश माथुर को सिक्किम के राज्यपाल की जिम्मेदारी दी गई है.

अधिकतम पांच वर्ष का कार्यकाल

संविधान के सिद्धांतों के अनुसार राज्यपाल का कार्यकाल अधिकतम पांच वर्ष का होता है, लेकिन पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही उन्हें पद से हटाना आवश्यक नहीं है। अनुच्छेद 156 के मुताबिक, राज्यपाल पदभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष की अवधि तक पद पर बने रहेंगे। हालांकि, राज्यपाल अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद भी तब तक पद पर बने रहेंगे, जब तक कि उनके उत्तराधिकारी पदभार ग्रहण नहीं कर लेते। यानी जब तक नए राज्यपाल की नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक मौजूदा राज्यपाल कार्यरत रहने के नियम बने हुए हैं.


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