जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को तगड़ी फटकार लगाई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। तो आइए जानते है पूरा मामला। 10 लाख रुपए का लगा जुर्माना सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को तगड़ी फटकार लगाई है। इसके साथ ही उच्च सदन ने […]
जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को तगड़ी फटकार लगाई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। तो आइए जानते है पूरा मामला।
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को तगड़ी फटकार लगाई है। इसके साथ ही उच्च सदन ने राज्य सरकार से अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लाखों का जुर्माना लगाया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने लेबर कोर्ट के बहाली के निर्णय के बावजूद एक गरीब मजदूर को बार-बार मुकदमा दायर करने के लिए मजबूर किया गया, जिसको लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया है।
राज्य सरकार की अपील को निरर्थक मुकदमेबाजी करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसके आचरण पर नाराजगी जाहिर की है। बता दें कि न्यायाधीश अभय एस. ओका और न्यायाधीश उज्ज्ल भुइयां की बेंच ने राज्य सरकार द्वारा की गई अपील को खारिज करते हुए आदेश दिया है कि चार सप्ताह के अंदर प्रतिवादी श्रमिक को 10 लाख रुपए के जुर्माने का भुगतान करें और छह सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट में पालना रिपोर्ट दें।
2001 में लेबर कोर्ट ने प्रतिवादी मजदूर को सेवा में बहाल करने का आदेश दिया था। लेकिन इस निर्णय का अनुसरण नहीं किया गया और ऐसे में राज्य सरकार ने हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में अपील की। हालांकि सिंगल बेंच में राज्य सरकार को सफलता नहीं मिल पाई, जिस वजह से राजस्थान सरकार ने डबल बेंच में अपील करना शुरू की।
ऐसे में राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। वहीं शीर्ष कोर्ट ने अपील को खारिज करते हुए कहा है कि यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है कि लेबर कोर्ट ने 2001 में आदेश दिया था लेकिन इसकी पालना करने के बजाय एक गरीब मजदूर को 22 साल तक मुकदमा लड़ने को राजस्थान सरकार मजबूर कर परेशान कर रही है।