जयपुर। नए जिलों के गठन के साथ ही अलवर जिला चार भागों में बट सकता है जिससे रोजगार के संकट उत्पन हो सकते है. लेकिन प्रदेश की सरकार की तरफ से रोजगार बढ़ाने पर कोई जोर नहीं दिया जा रहा. रोजगार का संकट हो सकता है उत्पन आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने 2023-24 […]
जयपुर। नए जिलों के गठन के साथ ही अलवर जिला चार भागों में बट सकता है जिससे रोजगार के संकट उत्पन हो सकते है. लेकिन प्रदेश की सरकार की तरफ से रोजगार बढ़ाने पर कोई जोर नहीं दिया जा रहा.
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने 2023-24 बजट भाषण में सरिस्का टाइगर रिजर्व के डेवलोपमेन्ट के लिए 150 करोड़ रूपए देने की घोषणा की थी. जिसके बाद सरिस्का टाइगर रिजर्व में काम की शुरुआत हो चुकी है लेकिन फिर भी अलवर में रोजगार बढ़ाने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. बजट भाषण के दौरान भी रोजगार बढ़ाने को लेकर कोई चर्चा एवं घोषणा नहीं की गई. जबकि सरिस्का टाइगर रिजर्व के आसपास रोजगार बढ़ाने की जरुरत है.
जानकारी के मुताबिक सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है. बाघों की संख्या बढ़ने के साथ विदेशी पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है. पर्यटन सुबह या दोपहर में सरिस्का में सफारी करते हैं और राजधानी जयपुर या दिल्ली में ठहरते है. इसकी सबसे बड़ी वजह से सरिस्का के आसपास न तो उच्च स्तरीय होटल की सुविधा हैं और न ही ग्रामीण पर्यटन। इसकी वजह से पर्यटकों की कमाई सिर्फ सफारी तक ही रह गई.
आपको बता दें कि सरिस्का के आसपास के क्षेत्रों में राज्य सरकार की तरफ से ‘पेइंग गेस्ट’ योजना को बढ़ावा देना चाहिए। इसके अतिरिक्त गांवों की पुरानी हवेलियां, झोपड़ी, मकानों की छतों पर गेस्ट रूम देकर पर्यटकों को लुभाया जा सकता हैं. सरकार द्वारा इस काम को किए जाने पर ग्रामीणों को रोजगार मिल सकेगा। वहीं रेस्टोरेंट, होटल और अन्य कामों से बड़ी संख्या में रोजगार मिल सकेगा।