जयपुर: आज भारत कोकिला यानी ‘भारत कोकिला’ सरोजिनी नायडू की जयंती है, जिन्होंने जीवन भर देश की महिलाओं के अधिकारों के लिए कड़ा संघर्ष किया। आज राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. वह देश की पहली महिला राज्यपाल और कांग्रेस की कमान संभालने वाली पहली महिला थीं। भारत की आजादी में भी उनका अहम योगदान […]
जयपुर: आज भारत कोकिला यानी ‘भारत कोकिला’ सरोजिनी नायडू की जयंती है, जिन्होंने जीवन भर देश की महिलाओं के अधिकारों के लिए कड़ा संघर्ष किया। आज राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. वह देश की पहली महिला राज्यपाल और कांग्रेस की कमान संभालने वाली पहली महिला थीं। भारत की आजादी में भी उनका अहम योगदान रहा है।
आज देश भर में ‘नाइटिंगेल ऑफ इंडिया’ सरोजिनी नायडू की जयंती मनाई जा रही है। बता दें कि नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हैदराबाद में एक बंगाली परिवार को हुआ था। उनके पिता जी अघोरनाथ चट्टोपाध्याय पेशे से वैज्ञानिक थे और उनकी माता जी सुंदरी देवी बांग्ला कविताएं लिखती थीं। सरोजिनी के भाई हरिन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय भी कवि थे। वह 8 भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। घर में पढ़ने-लिखने के माहौल का उन पर बहुत प्रभाव पड़ा और उन्होंने 12 साल की उम्र में कविताएं लिखना शुरू कर दिया।
बता दें कि सरोजनी नायडू की शादी महज 19 साल की उम्र में हो गई थी। गोविंद राजालू नायडू से मुलाकात हुई. 1914 में उनकी पहली बार महात्मा गांधी से मुलाकात हुई। यहीं से वह देश के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गईं और भारत आने से पहले उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में गांधीजी के साथ भी काम किया। उन्हें 1925 में कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। वो पहली भारतीय महिला थीं, जो कांग्रेस की पूरी कमान संभाल रही थीं।
भारत जब 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ तब उन्हें उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया। वह देश की पहली महिला राज्यपाल बनीं। इस पद पर निधन होने तक वो लगातार बनी रहीं। वहीं 2 मार्च 1949 को लखनऊ में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। देश में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत 13 फरवरी 2014 को सरोजिनी नायडू की 135वीं जयंती से हुई।