जयपुर। देशभर में भीषण गर्मी ने दस्तक दें दी है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में ही कई राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच चुका है। मौसम विभाग द्वारा जारी की गई चेतावनियों के अनुसार, आने वाले दिनों में तापमान और बढ़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। […]
जयपुर। देशभर में भीषण गर्मी ने दस्तक दें दी है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में ही कई राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच चुका है। मौसम विभाग द्वारा जारी की गई चेतावनियों के अनुसार, आने वाले दिनों में तापमान और बढ़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। ऐसे में खासतौर पर डायबिटीज (मधुमेह) और ब्लड प्रेशर के मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। विशेषज्ञों के अनुसार, गर्म मौसम इंसुलिन की क्रियाशीलता पर असर डाल सकता है, जिससे **ब्लड शुगर का स्तर अचानक असंतुलित हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, गर्मियों में शरीर से अधिक मात्रा में पसीना निकलता है, जिससे डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) की स्थिति बन जाती है। इसके चलते ब्लड में ग्लूकोज़ की सांद्रता (concentration) बढ़ने लगती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल ऊपर चला जाता है। यही नहीं, तेज गर्मी इंसुलिन के अवशोषण की प्रक्रिया को भी धीमा कर देती है। इससे शरीर की कोशिकाएं पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज़ को ग्रहण नहीं कर पातीं और रक्त में शर्करा की मात्रा असंतुलित हो जाती है। डॉक्टर बताते हैं कि इस कारण मरीजों को बार-बार पेशाब आना, चक्कर आना, थकान और सुस्ती जैसी समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मौसम में डायबिटीज के मरीजों को अपनी दिनचर्या में कुछ अहम बदलाव करने चाहिए। सबसे पहले, **पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे। गर्मी में बाहर निकलने से बचें और यदि निकलना पड़े तो छांव और ठंडी जगहों को प्राथमिकता दें। भोजन में हल्के, ताजे और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें और अधिक तैलीय व मसालेदार चीज़ों से बचें। रोजाना ब्लड शुगर की जांच करें और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा, सुबह या शाम के समय हल्की वॉक या योगासन से शरीर को एक्टिव रखा जा सकता है।
गर्मी के मौसम में थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद कर सकती है, बल्कि अन्य बीमारियों से भी बचा सकती है। याद रखें, डायबिटीज को नियंत्रण में रखना केवल दवा पर नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल और सतर्कता पर भी निर्भर करता है।